सूरह कहफ़ की शुरू की 10 आयत
अस्सलाम वालेकुम मोमिनो खुदा पाक ने कुरान शरीफ में हर मुश्किल की आसानी और शिफा दी है ही ऐसे ही कोई आखिरत और मैदान-ए-हश्र को नहीं झूठला सकता | बेशक यह एक दर्दनाक मंजर होगा | दुआ है कि अल्लाह हम सबको अपने अज़ाब से महफूज रखे |
सूरह कहफ़ की 10 आयतों को लेकर नबी का फरमान
मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया जो शख्स सूरह कहफ़ की 10 आयते पड़ेगा वह आखिरत के आजाब से और दज्जाल से महफूज रहेगा और अल्लाह के फजल और रहमत में रहेगा |
सूरह कहफ़ की आयत को पढ़ने के फायदे
जो शख्स जुम्मे के दिन सूरह कहफ़ की तिलावत करता है वह दज्जाल से हिफाजत में रहता है |और पढ़ने वाले जुम्मे से लेकर अगले जुम्मे तक रौनक रहती है | अगर वह शख्स इंतकाल फर्मा जाता है तो वह रौनक उसके कब्र में चली जाती है | और उसकी कब्र को रोशन कर देती है
सूरह कहफ़ की फजीलत
कुरान में मौजूद सूरह कहफ हमें से महफूज रहता है जिस पर नबी तक ने पनाह मांगी है यानी की दज्जाल का फितना | सूरह कहफ़ जुम्मे के दिन तिलावत करने की बड़ी फजीलत है पढ़े जाने वाले जुम्मे से लेकर अगले जुम्मे तक नूर देती है और मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का फरमान है की जुम्मे के दिन सूरह कहफ़ की तिलावत की जाए|
तो दोस्तों और मोमिनो हम सबको जुम्मे के दिन सूरह कहफ़ की तिलावत करनी चाहिए ताकि हम आखिरत में महफूज रहे और एक इज्जतदार जिंदगानी और ईमान की मौत के हकदार बने ऐसी ही और इस्लाम की मालूमात के लिए आप हमारी वेबसाइट को सब्सक्राइब कर सकते हैं और आगे शेयर कर कर अपने अजीज और दोस्तों को भी इस्लाम की दावत दे सकते हैं |