इस्लाम में पर्दा क्या है? पर्दा करने का हुक्म क्यों दिया गया है
अस्सलाम वालेकुम प्यारी बहनों और भाई आज इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि इस्लाम में पर्दा जायज क्यों है और पर्दा करने का हम क्यों दिया गया है काफी सारे मुसलमान को नहीं पता कि इस्लाम में पर्दा क्यों जायज है और यह क्यों किया जाता है अगर आप भी यह जानना चाहती हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं |
यहां पर इस पैगाम के अंदर हम आपको बताएंगे कि इस्लाम में पर्दा जायज स्कीम है और इसे करने का हम क्यों दिया गया है पर्दा सारे मर्द और औरत पर लाजिम है इसका हुकुम कुरान में है और जिसका हुक्म कुरान में होता है वह सीधे-सीधे फर्ज़ होता है आइए जानते हैं |
कुरान का मासूम है कि परद मर्द अपनी निगाहों को नीचे रखें किसी घर मेहरम पर ना पढ़ने दे और औरत अपने जिस्म और अपने जीनत को छुपा कर रखें इस तरह के निवास पहन कर मेहरम के सामने ना आए जिसमें उसके जिस्म नुमाया हो |
इस्लाम में पर्दा क्या है
आमतौर पर हम समझते हैं की बरखा या नकाब ही पर्दा है हालांकि ऐसा नहीं है कोई ऐसी चादर कोई ऐसा लिबास जिसके सर जिस ढक जाए और जिस्मानी नसेब-ओ-फ़राज़ जाहिर ना होता हो तो वह भी पर्दा ही हैसर जो भी हो यह वाली मां के खिलाफ है होली में ही समझे पर हमारे मोहल्ले में जहां पर्दे का जिक्र आता है वहां फौरन हमारे जहां में औरतों का पर्दा आ जाता है |
और हम कभी नहीं सोचते कि परदा सबके लिए जिसमें औरत मर्द दोनों शामिल है कुरान में औरतों से पहले मर्दों को पर्दे का हुक्म है पर हमारे मोहल्ले में जहां पर्दे का जिक्र आता है वहां फौरन हमारे जहन में औरतों का पर्दा आ जाता है और हम कभी नहीं सोचते कि परदा सबके लिए है जिसमें औरत मर्द दोनों शामिल है कुरान में औरतों से पहले मर्दों को पर्दे का हुक्म दिया गया है |
पर्दा किस-किस पर आया है
अगर कोई औरत में पर्दा रहती है तो जाहिर होता है कि उसने कुरान का एक हम पूरा करने में कोताही की है जिसको अल्लाह अपनी रहमत से माफ भी नहीं कर सकता और पकड़ भी कर सकता है मगर इतना जरूर ख्याल रहे की पर्दा जिस तरह औरतों के लिए फर्ज है इस तरह मर्द के लिए भी फर्ज है बस दोनों के परदे के हुजूर अलग-अलग हैं|
अपने अल्लाह और अल्लाह के रसूल के फ़रमान के मुताबिक जिंदगी गुजारना एक इबादत ही है तो आज हम इस जहां में यह जानेंगे कि इस्लाम में पर्दे की अहमियत क्या है और इस्लाम में पर्दा क्यों करना चाहिए|
इस्लाम में पर्दे की अहमियत क्या है
यह पाक मजहब यानी इस्लाम में पर्दे की अहमियत बहुत ही खास है हम सभी का अल्लाह तबारक वन वताला इरशाद फरमाया कि ए मेरे अल्लाह के बनदो अपना इज्जत खुद छुपाए रखो और अपनी निगाहों को नीचे रखो अपनी निगाह को हर एक बुराई चीज से बचाव तुम्हारा यह अमल तुझे हर बुराई से बचाएगा अपने आप को हर बुराई से दूर रखो|
इस्लाम में ना कि सिर्फ औरतों को पर्दे का हुक्म है बल्कि मर्दों को भी अपनी निगाहें नीचे रखनी चाहिए और बड़ी चीजों को देखने से रोकना चाहिए अगर आप खुद को पर्दे में रखेंगे तो हर तरह की बुरी बला से दूर रहेंगे|
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