सूरह कौसर पढ़ने के फायदे
सूरह कौसर कुरान की 108 में सूरत है और इसमें तीन छोटी आए थे यह मक्का में नाज़िल हुई सराव में से एक है आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए सूरह कौसर को हिंदी में और सूरह कौसर को तर्जुमा के साथ बताने जा रहे हैं जो कि आप पढ़ते हैं तो इसकी बहुत सारी फजीलत हैं इसलिए सूरत कौशल की तिलावत सच्चे और साथ दिल से करनी चाहिए
क्या आप अपने घर में गरीबी और तंग दस्ती से परेशान है और आपकी मेहनत के बावजूद भी आप परेशान रहते हैं तो आपको सूरह कौसर का अमल जरूर करना चाहिए
इसकी तिलावत करने से अल्लाह पाक आपकी सारी परेशानियों को दूर कर देंगे और आपकी तमाम जरूरत है पूरी हो जाएगी| सूरह कौसर का अमल एक ऐसा अमल है जिसे करने के बाद उसके घर में गरीबी लाचारी परेशानी फकीरी तन्हाई सब दूर हो जाएगी इंशाअल्लाह|
بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ
1. إِنَّآ أَعۡطَيۡنَٰكَ ٱلۡكَوۡثَرَ
2. فَصَلِّ لِرَبِّكَ وَٱنۡحَرۡ
3. إِنَّ شَانِئَكَ هُوَ ٱلۡأَبۡتَرُ
सूरह कौसर कब पढ़ना चाहिए:-
आपको इस अमल को शाम के वक्त और सुबह कर सकते हैं सही इस अमल को आपको सुबह और शाम दिन में दो मर्तबा करना है| सूरह कौसर पढ़ते वक्त आपको बातें नहीं करनी चाहिए|
अव्वल और आखिर में पहले आपको तीन मर्तबा दुरूद पाक पढ़ना है दुरूद पाक पढ़ने के बाद आपको 129 मर्तबा सूरह कौसर को पढ़ाना है याद रहे की हर बार इन्ना आतैना कल कौसर को पढ़ने से बिस्मिल्लाह जरूर पढ़ना है
सूरह कौसर हिंदी में:-
बिसमिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
इन्ना आतय ना कल कौसर
बेशक हमने आपको कौसर अता किया है
फसल्लि लिरब्बिका वन्हर
बस आप अपने रब के लिए नमाज़ अदा कीजिये और क़ुरबानी कीजिये
इन्ना शानिअका हुवल अब्तर
बेशक आपका दुश्मन बेनामों निशान रहेगा
सूरह कौसर बहुत ही छोटी सूरत है पर यह बहुत ही खास है और दुश्मनों की कमी का पैगाम देती है यह नमाज और कुर्बानी की खासियत को बताती है और हमें अल्लाह के बताए हुए सीधे रास्ते पर चलने के लिए भी बताती है सूरह कौसर को रोजाना पढ़ने से अल्लाह की रहमत हासिल होती है और जिंदगी में कामयाबी भी हासिल होती है
हम उम्मीद करते हैं आपको हमारी यह सूरह कौसर पढ़ने की फजीलत की पोस्ट काफी पसंद आई होगी अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई है तो हमारी इस पोस्ट को व्हाट्सएप पर ज्यादा से ज्यादा जरूर शेयर करें शुक्रिया